
दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। जैसे-जैसे चुनावी तारीख नज़दीक आ रही है, विभिन्न राजनीतिक दल अपनी-अपनी रणनीतियों को धार दे रहे हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (AAP) जहां अपनी उपलब्धियों को जनता के सामने रखने में जुटी है, वहीं भाजपा और कांग्रेस जैसे विपक्षी दल नई रणनीतियों के साथ मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं।
AAP का फोकस: ‘काम किया है, फिर से करेंगे’
आम आदमी पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य नेता प्रचार अभियान में पूरी ताकत झोंक रहे हैं। दिल्ली सरकार के पिछले कार्यकाल की उपलब्धियों, जैसे मुफ्त बिजली, पानी, शिक्षा, और स्वास्थ्य सुविधाओं को उनके प्रमुख एजेंडे में रखा गया है। पार्टी का नारा है: ‘काम किया है, फिर से करेंगे’।
केजरीवाल ने हाल ही में दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में कई रैलियां की हैं, जहां उन्होंने सरकारी स्कूलों, मोहल्ला क्लीनिक और परिवहन व्यवस्था में सुधार का उल्लेख किया। इसके साथ ही, AAP का ध्यान नए मतदाताओं और युवा पीढ़ी को आकर्षित करने पर है।
भाजपा का मिशन: ‘विकल्प हम हैं’
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी अपनी रणनीति तैयार कर ली है। पार्टी का जोर अरविंद केजरीवाल सरकार की नीतियों पर सवाल उठाने और केंद्र सरकार की उपलब्धियों को उजागर करने पर है। भाजपा नेता यह दावा कर रहे हैं कि दिल्ली को बेहतर बुनियादी ढांचा और साफ-सुथरी प्रशासनिक व्यवस्था देने में भाजपा ही सक्षम है।
पार्टी के कई वरिष्ठ नेता, जिनमें केंद्रीय मंत्री और सांसद भी शामिल हैं, दिल्ली में जनसभाएं और डोर-टू-डोर कैंपेन चला रहे हैं। भाजपा के पास इस बार झुग्गी-झोपड़ी और अनौपचारिक क्षेत्र में रहने वाले लोगों को लुभाने के लिए विशेष योजनाएं हैं।
कांग्रेस की वापसी की कोशिश
कांग्रेस, जो पिछले कुछ वर्षों से दिल्ली की राजनीति में हाशिए पर रही है, इस बार मजबूती से वापसी की कोशिश में है। पार्टी अपने पुराने वोट बैंक को फिर से हासिल करने की दिशा में काम कर रही है। कांग्रेस नेताओं ने हाल ही में बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर केजरीवाल सरकार और केंद्र सरकार दोनों को घेरा है।
पार्टी के कई वरिष्ठ नेता, जैसे प्रियंका गांधी और राहुल गांधी, दिल्ली में रैलियां करने की योजना बना रहे हैं। इसके साथ ही, कांग्रेस स्थानीय स्तर पर अपने पुराने नेताओं और कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर रही है।
मुद्दे और चुनौतियां
आगामी चुनाव में शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली-पानी, और प्रदूषण जैसे मुद्दे प्रमुख रहेंगे। साथ ही, दिल्ली के बढ़ते जनसंख्या दबाव और कानून-व्यवस्था की स्थिति पर भी जोर दिया जाएगा।
जनता की भूमिका
चुनाव से पहले जनता की राय अहम भूमिका निभाएगी। जहां एक ओर लोग AAP की योजनाओं से खुश हैं, वहीं विपक्ष इन योजनाओं को लेकर कई सवाल खड़े कर रहा है।
निष्कर्ष
दिल्ली चुनाव 2025 में न केवल आम आदमी पार्टी के लिए अपनी पकड़ बनाए रखना चुनौती है, बल्कि भाजपा और कांग्रेस के लिए भी यह अपने अस्तित्व की लड़ाई है। आने वाले दिनों में प्रचार अभियान और तेज होगा और चुनावी माहौल और गरमाएगा।