
नई दिल्ली: भारतीय स्टील उद्योग को एक बड़ा अवसर मिल सकता है, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया भारतीय स्टील कंपनियों में निवेश करने की योजना बना रहा है। दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के प्रीमियर पीटर मलिनॉस्कस ने हाल ही में मुंबई में JSW स्टील के चेयरमैन सज्जन जिंदल से मुलाकात की, जिससे दोनों देशों के बीच संभावित निवेश और सहयोग पर चर्चा हुई।
निवेश से क्या होगा फायदा?
इस संभावित निवेश से भारतीय स्टील उद्योग को कई लाभ मिल सकते हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
- तकनीकी सहयोग: ऑस्ट्रेलियाई कंपनियां अत्याधुनिक तकनीक और विशेषज्ञता साझा कर सकती हैं।
- कच्चे माल की आसान उपलब्धता: ऑस्ट्रेलिया लौह अयस्क (Iron Ore) का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है, जिससे भारतीय स्टील कंपनियों को कच्चे माल की आपूर्ति में मदद मिल सकती है।
- नए रोजगार के अवसर: निवेश से भारत में नए उद्योग और नौकरियां सृजित हो सकती हैं।
- वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बढ़त: भारत के स्टील उद्योग को अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा करने में सहायता मिलेगी।
भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार संबंधों में नई दिशा
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापारिक संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। दोनों देश भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (ECTA) के तहत कई क्षेत्रों में सहयोग कर रहे हैं। स्टील सेक्टर में निवेश से दोनों देशों को आर्थिक लाभ होगा और भारत की ‘मेक इन इंडिया’ नीति को भी मजबूती मिलेगी।
अगले कदम क्या हो सकते हैं?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह निवेश प्रस्ताव यदि सफल होता है, तो इससे भारत को उच्च गुणवत्ता वाले स्टील निर्माण में सहायता मिलेगी और ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों को भी एक तेजी से बढ़ते बाजार में हिस्सेदारी मिलेगी। आने वाले महीनों में इस दिशा में और अधिक स्पष्टता देखने को मिलेगी।