
नई दिल्ली: भारत सरकार अमेरिका से तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) के आयात पर लगे कर को हटाने पर विचार कर रही है। इस कदम का उद्देश्य अमेरिका से LNG खरीद को सस्ता और प्रतिस्पर्धी बनाना है, जिससे भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध और मजबूत हो सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार, भारत और अमेरिका के बीच व्यापार अधिशेष लगभग $45.4 बिलियन तक पहुंच गया है। अमेरिका चाहता है कि भारत अधिक ऊर्जा उत्पाद खरीदे, जिससे व्यापार संतुलन बनाया जा सके। अगर यह प्रस्ताव लागू होता है, तो भारतीय ऊर्जा कंपनियों के लिए LNG खरीदना और अधिक किफायती हो जाएगा, जिससे घरेलू उद्योगों को फायदा मिलेगा।
क्यों अहम है यह कदम?
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ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ावा: LNG के आयात कर को हटाने से भारत में ऊर्जा क्षेत्र को मजबूती मिलेगी।
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उद्योगों को लाभ: गैस आधारित उद्योगों, जैसे उर्वरक, बिजली और पेट्रोकेमिकल सेक्टर को सस्ती ऊर्जा मिलेगी।
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अमेरिका-भारत व्यापार संबंध: इस फैसले से दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग बढ़ेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर भारत LNG पर आयात कर हटा देता है, तो यह भारतीय कंपनियों के लिए सस्ता विकल्प बन सकता है और आने वाले वर्षों में LNG की मांग को भी बढ़ावा देगा। हालांकि, इस पर अंतिम निर्णय अभी लंबित है।