
मुंबई के टॉरेस ज्वेलर्स का बड़ा पोंजी स्कैम: लाखों निवेशक ठगे गए
मुंबई स्थित ज्वेलरी चेन टॉरेस ज्वेलर्स पर हाल ही में एक बड़े पोंजी स्कैम का आरोप लगा है। इस घोटाले में लगभग 1.25 लाख निवेशकों को ठगा गया है, जिससे करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।
स्कैम की पूरी कहानी:
- शुरुआत: यह योजना फरवरी 2024 में शुरू हुई थी।
- वादे: निवेशकों को मोसनाइट स्टोन्स में निवेश पर साप्ताहिक 6% से 13% तक के उच्च रिटर्न का वादा किया गया।
- प्रलोभन:
- ₹1 लाख के निवेश पर ₹10,000 का पेंडेंट दिया जाता था।
- नकद निवेश और रेफरल पर अतिरिक्त बोनस भी दिया जाता था।
- स्टोर लोकेशन: ग्रांट रोड, दादर, सांपाड़ा, मीरा रोड और कल्याण में इनकी शाखाएँ थीं।
घोटाले का पर्दाफाश:
- भुगतान बंद: 30 दिसंबर 2024 के बाद निवेशकों को भुगतान बंद कर दिया गया।
- स्टोर बंद: सभी स्टोर बिना किसी सूचना के अचानक बंद कर दिए गए, जिससे निवेशकों में गुस्सा और हड़कंप मच गया।
- प्रभावित लोग: घोटाले के शिकार अधिकांश लोग मध्यम या निम्न वर्ग से हैं, जिन्होंने अपनी जीवनभर की पूंजी इस योजना में निवेश कर दी।
कानूनी कार्रवाई:
- गिरफ्तारी: अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है:
- सर्वेश अशोक सुरवे – प्लैटिनम हर्न प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर।
- तानिया उर्फ ताजागुल करक्सानोवना खसाटोवा – डायरेक्टर।
- वैलेनटीना गणेश कुमार – वरिष्ठ अधिकारी।
- मास्टरमाइंड:
- जॉन कार्टर और विक्टोरिया कोवालेंको नाम के यूक्रेनी नागरिक, जो इस योजना के मुख्य कर्ताधर्ता बताए जा रहे हैं, भारत से फरार हो चुके हैं।
- जांच: आर्थिक अपराध शाखा (EOW) इस घोटाले की जांच कर रही है।
- कानूनी धाराएं: महाराष्ट्र प्रोटेक्शन ऑफ डिपॉजिटर्स एक्ट और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई है।
- संपत्ति जब्ती: कंपनी के बैंक खातों से लगभग ₹7.4 करोड़ की राशि फ्रीज कर दी गई है।
निवेशकों की प्रतिक्रिया:
निवेशकों ने इसे अपनी मेहनत की कमाई पर सबसे बड़ा धोखा करार दिया है। कई लोगों ने विरोध प्रदर्शन किए और न्याय की मांग की है।
सावधानी का संदेश:
यह घटना निवेशकों के बीच सतर्कता बढ़ाने और पोंजी योजनाओं से बचने की आवश्यकता को उजागर करती है।