
महाराष्ट्र में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। एक सरकारी कर्मचारी, जिसकी मासिक तनख्वाह महज ₹13,000 थी, ने सरकारी खजाने से 21 करोड़ रुपये की हेराफेरी कर डाली। यह मामला तब उजागर हुआ जब अधिकारियों को सरकारी खाते से लगातार हो रहे संदेहास्पद लेनदेन का पता चला।
आरोपी ने अपने तकनीकी कौशल का इस्तेमाल करते हुए सरकारी खाते से रकम को अपने निजी खातों में स्थानांतरित किया। यह घोटाला 1 जुलाई से 7 दिसंबर 2024 के बीच हुआ। इस चोरी की रकम से उसने अपनी गर्लफ्रेंड को महंगे तोहफे दिए, जिनमें एक लग्जरी कार और 4 BHK फ्लैट शामिल हैं।
कैसे हुआ खुलासा?
संबंधित विभाग ने जब सरकारी खजाने के लेन-देन की जांच की, तो पाया कि बड़ी रकम बार-बार एक ही खाते में जा रही है। शुरुआती जांच में यह साफ हो गया कि इस पूरे मामले में एक सरकारी कर्मचारी शामिल है। आरोपी ने यह पैसा नेट बैंकिंग के जरिए ट्रांसफर किया था।
गिरफ्तारी और जांच:
पुलिस ने आरोपी को तुरंत हिरासत में लिया। पूछताछ में आरोपी ने अपने गुनाह कबूल कर लिए हैं। पुलिस को यह भी जानकारी मिली कि वह अपनी प्रेमिका को महंगे तोहफे देकर उसे प्रभावित करना चाहता था।
जनता में आक्रोश:
इस घटना के उजागर होने के बाद से स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि इतने लंबे समय तक यह घोटाला कैसे चलता रहा और क्यों किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
सरकार का बयान:
घटना के बाद राज्य सरकार ने कहा है कि वे सरकारी खातों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाएंगे और जिम्मेदार अधिकारियों की भी जांच होगी।
यह घटना एक बार फिर इस ओर इशारा करती है कि तकनीकी ज्ञान का इस्तेमाल कितना घातक हो सकता है अगर इसे गलत दिशा में ले जाया जाए। साथ ही यह हमारे सिस्टम में बेहतर निगरानी की आवश्यकता को भी उजागर करती है।