
थाईलैंड और म्यांमार में शुक्रवार दोपहर 12:50 बजे एक शक्तिशाली 7.7 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे दोनों देशों में भारी तबाही हुई। भूकंप का केंद्र म्यांमार के मांडले के निकट था, लेकिन इसके झटके थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक तक महसूस किए गए।
बैंकॉक में एक निर्माणाधीन ऊंची इमारत के ढहने से तीन लोगों की मौत हो गई और 81 लोग मलबे में फंसे हुए हैं। शहर को आपदा क्षेत्र घोषित कर दिया गया है और बचाव कार्य तेजी से जारी है।
म्यांमार में भी स्थिति गंभीर है। मांडले में 20 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि ताउंगू में पांच लोगों के मारे जाने की खबर है। भूकंप के कारण ऐतिहासिक बागान के बौद्ध मंदिरों सहित कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। सैन्य सरकार ने छह क्षेत्रों में आपातकाल घोषित करते हुए अंतरराष्ट्रीय सहायता की अपील की है।
थाईलैंड और म्यांमार में बचाव और राहत कार्यों के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन मिल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों में आए भूकंप पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भारत हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है।
स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है, और अधिकारियों ने नागरिकों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है।
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